Skip to main content

List of scams in India (by year)

 

आजादी से अब तक देश में काफी बड़े घोटालों का इतिहास रहा है। नीचे भारत में हुए बड़े घोटालों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है-


जीप खरीदी (1948)

             किस्सा सन्‌ 1948 से 1952 के बीच का है। दरअसल, आजादी के बाद नेहरू ने सभी महत्वपूर्ण पदों पर यथायोग्य लोगों की नियुक्तियां की।

              भारत में आजादी के बाद जो सबसे पहला व चर्चित घोटाला हुआ, वह जीप घोटाला था। इसे प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान लंदन में पदस्थ किए गए भारतीय उच्चायुक्त वीके कृष्ण मेनन ने अंजाम दिया था। 

आजादी के बाद भारत सरकार ने एक लंदन की कंपनी से 2000 जीपों को सौदा किया। सौदा 80 लाख रुपये का था। लेकिन केवल 155 जीप ही मिल पाई। घोटाले में ब्रिटेन में मौजूद तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त वी.के. कृष्ण मेनन का हाथ होने की बात सामने आई। लेकिन 1955 में केस बंद कर दिया गया। जल्द ही मेनन नेहरु केबिनेट में शामिल हो गए। वसूली 1 रुपए की भी नहीं हो पाई.

Inflation calculator

1948: 80,00,000( 80 lakh)

2021: 13,37,68,64,504(more than 1 thousand 300 hundred crore)

मुंध्रा मैस (1958)

                हरिदास मुंध्रा द्वारा स्थापित छह कंपनियों में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के 1.2 करोड़ रुपये से संबंधित मामला उजागर हुआ। इसमें तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णामचारी, वित्त सचिव एच.एम.पटेल, एलआईसी चेयरमैन एल एस वैद्ययानाथन का नाम आया। कृष्णामचारी को इस्तीफा देना पड़ा और मुंध्रा को जेल जाना पड़ा, लेकिन वसूली नहीं हुई.

Inflation calculator

1958: 1,20,00,000( 1 Crore 20 lakh)

2021: 15,78,72,87,664(more than 1 thousand 500 hundred crore)

तेजा ऋण:

            1960 में एक बिजनेसमैन धर्म तेजा ने एक शिपिंग कंपनी शुरू करने केलिए सरकार से 22 करोड़ रुपये का लोन लिया। लेकिन बाद में धनराशि को देश से बाहर भेज दिया। उन्हें यूरोप में गिरफ्तार किया गया और छह साल की कैद हुई, लेकिन वसूली इसमें भी नहीं हो पाई.


Inflation Calculation

1960: 22,00,00,000(22 Crore)

2021: 26,40,77,28,669(2 Thousand 6 Hundred and 40 Crore 77 lakh 28 thousand 669)


कुओ ऑयल डील

        1976 में तेल के गिरते दामों के मददेनजर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने हांग कांग की एक फर्जी कंपनी से ऑयल डील की। इसमें भारत सरकार को 13 करोड़ का चूना लगा। माना गया इस घपले में इंदिरा और संजय गांधी का भी हाथ है।

Inflation Calculation

1976: 13,00,00,000(13 Crore)

2021: 46,17,73,37,560(4 Thousand 6 Hundred and 17 Crore 73 lakh 37 thousand 560)

एचडीडब्लू दलाली (1987)

        जर्मनी की पनडुब्बी निर्मित करने वाले कंपनी एचडीडब्लू को काली सूची में डाल दिया गया। मामला था कि उसने २० करोड़ रुपये बैतोर कमिशन दिए हैं। 2005 में केस बंद कर दिया गया। फैसला एचडीडब्लू के पक्ष में रहा।


Inflation Calculator

1987: 20,00,00,000(20 Crore)

2021: 2,74,56,45,560(274 Crore 56 Lakh 45 Thousand 560)


बोफोर्स घोटाला

           1987 में एक स्वीडन की कंपनी बोफोर्स एबी से रिश्वत लेने के मामले में राजीव गांधी समेत कई बेड़ नेता फंसे। मामला था कि भारतीय 155 मिमी. के फील्ड हॉवीत्जर के बोली में नेताओं ने करीब 64 करोड़ रुपये का घपला किया है।


Inflation Calculator

1987: 64,00,00,000(64 Crore)

2021: 8,82,83,31,225(882 Crore 83 Lakh 31 Thousand 225)


चारा घोटाला 

            चारा घोटाला स्वतन्त्र भारत के बिहार प्रान्त का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला था जिसमें पशुओं को खिलाये जाने वाले चारे के नाम पर 950 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके निकाल लिये गये। सरकारी खजाने की इस चोरी में अन्य कई लोगों के अलावा बिहार के तत्कालीन मुख्यमन्त्री लालू प्रसाद यादव व पूर्व मुख्यमन्त्री जगन्नाथ मिश्र पर भी आरोप लगा। इस घोटाले के कारण लालू यादव को मुख्यमन्त्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। लोकसभा में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया और सीबीआई जाँच की माँग की गयी। इस गबन की गूँज न सिर्फ़ भारत में बल्कि अमेरिका और ब्रिटेन में भी सुनायी दी जिससे भारत की राजनीति बदनाम हुई। हालांकि यह घोटाला 1996 में हुआ था लेकिन जैसे-जैसे जाँच हुई इसकी पर्तें खुलती गयीं और लालू यादव व जगन्नाथ मिश्र जैसे कई सफेदपोश नेता इसमें शामिल नजर आये। मामला लगभग दो दशक तक चला। मीडिया ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जिसके चलते सीबीआई और न्यायपालिका अपनी-अपनी कार्रवाई में कोई कोताही नहीं कर पायी


Inflation Calculator


1996: 9,50,00,00,000(950 Crore)

2021: 37,76,93,35,187(3 thousand 7 hundred 76 Crore 93 lakh 35 thousand 187)


स्टांप पेपर स्कैम
            मौत के एक साल बाद 20 हजार करोड़ रुपये के स्टांप पेपर घोटाले में दोषी करार दिए गए अब्दुल करीम तेलगी को बरी कर दिया गया है.  महाराष्ट्र के इस बहुचर्चित घोटाले में आठ अन्य लोगों को भी बरी किया गया है. नासिक की एक अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. वहीं, मौत के बाद तेलगी के खिलाफ घोटाले के आरोप को हटा लिया गया है. फर्जी स्टांप पेपर घोटाले में उसे 30 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह बेंगलुरु के पाराप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था. उस पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.

Inflation Calculator


2001: 20,000,000,000,000(20 thousand Crore)

2021: 4,84,38,68,88,91,967(48 Lakh 43 thousand 8 hundred 68 Crore 88 lakh 91 thousand 967)


२जी स्पेक्ट्रम मामला

            किसी भी विभाग या संगठन में कार्य का एक विशेष ढांचा निर्धारित होता है, टेलीकाम मंत्रालय इसका अपवाद हो गया है। विभाग ने सीएजी कि रिपोर्ट के अनुसार नियमो कि अनदेखी के साथ साथ अनेक उलटफेर किये। २००३ में मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत नीतियों के अनुसार वित्त मंत्रालय को स्पेक्ट्रम के आबंटन और मूल्य निर्धारण में शामिल किया जाना चाहिए। टेलीकाम मंत्रालय ने मंत्रिमंडल के इस फैसले को नजरंदाज तो किया ही आईटी, वाणिज्य मंत्रालयों सहित योजना आयोग के परामर्शो को कूड़ेदान में डाल दिया। प्रधानमंत्री के सुझावों को हवा कर दिया गया। यह मामला २००८ से चलता चला आ रहा है, जब ९ टेलीकाम कंपनियों ने पूरे भारत में आप्रेसन के लिए १६५८ करोड़ रूपये पर २जी मोबाईल सेवाओं के एयरवेज और लाईसेंस जारी किये थे। लगभग १२२ सर्कलों के लिए लाईसेंस जारी किये गए इतने सस्ते एयरवेज पर जिससे अरबों डालर का नुकसान देश को उठाना पड़ा। स्वान टेलीकाम ने १३ सर्कलों के लाईसेंस आवश्यक स्पेक्ट्रम ३४० मिलियन डालर में ख़रीदे किन्तु ४५ % स्टेक ९०० मिलियन डालर में अरब कि एक कंपनी अतिस्लास को बेच दिया। एक और आवेदक यूनिटेक लाईसेंस फीस ३६५ मिलियन डालर दिए और ६०% स्टेक पर १.३६ बिलियन डालर पर नार्वे कि एक कम्पनी तेल्नेतर को बेच दिया।

Inflation Calculator

2001: 17,60,00,10,10,100(1.76  Lakh Crore)

2021: 35,70,50,21,75,120(3 Lakh 57 thousand 50 Crore 21 lakh 75 thousand 120)


Calculation of All Scams With Inflation Charges (सभी घोटालों की गणना)

टेबल पर जाने से पहले आपको पता होना चाहिए

            मुद्रास्फीति (या कम बार-बार, मूल्य मुद्रास्फीति) समय की अवधि में अर्थव्यवस्था के मूल्य स्तर में सामान्य वृद्धि है। जब सामान्य मूल्य स्तर बढ़ता है, मुद्रा की प्रत्येक इकाई कम सामान और सेवाएं खरीदती है; परिणामस्वरूप, मुद्रास्फ़ीति मुद्रा की प्रति इकाई क्रय शक्ति में कमी को दर्शाती है - अर्थव्यवस्था के भीतर विनिमय के माध्यम और खाते की इकाई में वास्तविक मूल्य की हानि। मुद्रास्फीति के विपरीत अपस्फीति है, वस्तुओं और सेवाओं के सामान्य मूल्य स्तर में निरंतर कमी। मुद्रास्फीति का सामान्य उपाय मुद्रास्फीति की दर है, सामान्य मूल्य सूचकांक में वार्षिक प्रतिशत परिवर्तन, आमतौर पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, समय के साथ


सरल शब्दों में कहा जाये तो उस वक्त के एक रूपये की कीमत आज कितनी होगी उसे ही Inflation कहते है 


        उदाहरण के लिए यदि 2010 में दूध की कीमत 30 रुपये/लीटर है और अब (2021 में) यह 50 रुपये/लीटर है तो इसे मुद्रास्फीति कहा जाता है। इसका वास्तव में मतलब है कुछ माल सामग्री का उदय

In English: The Rise of certain goods(In our case Rupees is goods)


Name Of Case Case in Year Rupees Today's Price(In 2021)
जीप खरीदी 1948 80,00,000 67,44,20,547
मुंध्रा मैस 1958 1,20,00,000 1,01,16,30,820
तेजा ऋण 1960 22,00,00,000 16,92,17,59,300
कुओ ऑयल डील 1976 13,00,00,000 3,31,18,44,960
एचडीडब्लू दलाली 1987 20,00,00,000 3,62,46,39,783
बोफोर्स घोटाला 1987 64,00,00,000 7,24,92,79,567
चारा घोटाला 1996 9,50,00,00,000 47,38,46,35,739
स्टांप पेपर स्कैम 2001 2,00,00,00,00,00,000 4,84,38,68,88,91,967
२जी स्पेक्ट्रम मामला 2010 17,52,50,35,10,201 35,70,50,21,75,120
Total 5,20,89,36,92,77,803


The Total Cost in words is 52 Lakh 8 thousand 936 Crore 92 Lakh 77 Thousand 803 Rupees(Approximate it will more than that)

Comments

Popular posts from this blog

How To Parse Multiple dates in Java

Parsing a single date like 30 March 1970 can be achieve by   using parse() Method of DateFormat and SimpleDateFormat classes. Date Java String to Single Date Example import  java.text.SimpleDateFormat;   import  java.util.Date;   public   class  StringToDateExample1 {   public   static   void  main(String[] args) throws  Exception {       String sDate1= "31/12/1998" ;       Date date1= new  SimpleDateFormat( "dd/MM/yyyy" ).parse(sDate1);       System.out.println(sDate1+ "\t" +date1);   }  }  Convert Multiple dates to date format Example of converting multiple format dates in date format from Arraylist, database  (dd/mm/yyyy, mm/dd/yyyy, EEE MMM d yyyy)  import  java.text.SimpleDateFormat;   import  java.util.Date;   import  java.text.DateFormat;   import  java.text.ParseException;   import  java.text.SimpleDateFormat;   import  java.util.Arrays; import  java.util.List; public   class  StringToMultipleDateExample {   public   static   void  main(String[] ar

Real Heros of Indian History- Chatrapati Shivaji Maharaj

छत्रपती शिवाजीराजे भोसले  (१९ फेब्रुवारी १६३० ते ३ एप्रिल १६८०) हे इ.स. १८१८ पर्यंत टिकलेल्या आणि आपल्या परमोत्कर्षाच्या अवस्थेत भारतीय उपखंडाचा बराचसा भाग व्यापणाऱ्या मराठा साम्राज्याचे संस्थापक होते. भोसले कुळातील या सुपुत्राने विजापूरच्या आदिलशाहीविरुद्ध आणि मोगल साम्राज्याविरुद्ध ऐतिहासिक संघर्ष करून मराठा स्वराज्य स्थापन केले. रायगड ही राजधानी असलेले स्वतंत्र मराठा राज्य शिवाजीराजांनी उभे केले आणि इ.स. १६७४ मध्ये छत्रपती म्हणून राज्याभिषेक करवून घेतला. शिस्तबद्ध लष्कर व सुघटित प्रशासकीय यंत्रणेच्या बळावर छत्रपती शिवाजी महाराजांनी एक सामर्थ्यशाली आणि प्रागतिक राज्य उभे केले. भूगोल, आश्चर्यजनक वेगवान हालचाली आणि बलाढ्य शत्रूंचे मनोधैर्य खच्ची करणारे नेमके हल्ले यांचा वापर करणारे गनिमी काव्याचे तंत्र त्यांनी यशस्वीपणे वापरले. आपल्या वडिलांकडून मिळालेल्या २,००० सैनिकांच्या छोट्या तुकडीपासून एक लाख सैनिकांचे लष्कर छत्रपती शिवाजी महाराजांनी उभे केले. किनारी आणि अंतर्गत प्रदेशातील किल्ल्यांची डागडुजी करण्यासोबतच अनेक किल्लेही त्यांनी उभारले. राज्यकारभारात मराठी भाषेचा वापर करण्